Maitreyee pushpa autobiography
Maitreyee pushpa autobiography
मैत्रेयी पुष्पा - भारतकोश, ज्ञान का हिन्दी महासागर.
मैत्रेयी पुष्पा | |
| पूरा नाम | मैत्रेयी पुष्पा |
| जन्म | 30 नवम्बर, 1944 |
| जन्म भूमि | अलीगढ़, उत्तर प्रदेश |
| कर्म भूमि | भारत |
| कर्म-क्षेत्र | हिन्दी साहित्य |
| मुख्य रचनाएँ | 'कस्तूरी कुंडली बसैं', 'बेतवा बहती रही', 'स्मृति दंश', 'फैसला', 'सिस्टर', 'अब फूल नहीं खिलते', गुड़िया भीतर गुड़िया (आत्मकथा) आदि। |
| भाषा | हिन्दी |
| विद्यालय | बुंदेलखंड कॉलेज, झाँसी |
| शिक्षा | एम.ए.
(हिन्दी साहित्य) |
| प्रसिद्धि | साहित्यकार, उपन्यासकार, कहानीकार |
| नागरिकता | भारतीय |
| अन्य जानकारी | मैत्रेयी पुष्पा के लेखन में ब्रज और बुंदेल दोनों संस्कृतियों की झलक दिखाई देती है। उनको रांगेय राघव और फणीश्वर नाथ 'रेणु' की श्रेणी की रचनाकार माना जाता है। |
| इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
मैत्रेयी पुष्पा (अंग्रेज़ी: Maitreyi Pushpa, जन्म- 30 नवम्बर, 1944, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश) हिंदी की प्रसिद्ध साहित्यकार हैं। उन्हें हिन्दी अकादमी, दिल्ली की उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। मैत्रेयी पुष्पा ने अपनी लेखनी में ग्रामीण भारत को साकार किया है। उनके लेखन में